Uttarakhand: अधूरे ज्ञान के आधार पर हिमालय से छेड़छाड़ रोकने की अपील

Webdunia
सोमवार, 8 फ़रवरी 2021 (17:00 IST)
गोपेश्वर (उत्तराखंड)। अधूरे ज्ञान के आधार पर हिमालय से हो रही छेड़छाड़ को रोकने की वकालत करते हुए चिपको आंदोलन के नेता एवं मैगसेसे पुरस्कार विजेता चंडी प्रसाद भट्ट ने सोमवार को कहा कि चमोली के रैणी क्षेत्र में रविवार को ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ इसी का नतीजा है। वर्ष 2014 के अंतरराष्ट्रीय गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित 87 वर्षीय भट्ट ने यहां बताया कि ऋषिगंगा और धौली गंगा में जो हुआ वह प्रकृति से खिलवाड़ करने का ही परिणाम है।
 
उन्होंने कहा कि हिमालय नाजुक पर्वत है और टूटना बनना इसके स्वभाव में है। उन्होंने कहा कि भूकंप, हिमस्खलन, भूस्खलन, बाढ़, ग्लेशियर, तालों का टूटना और नदियों का अवरुद्ध होना आदि इसके अस्तित्व से जुड़े हुए हैं। भट्ट ने कहा कि अति मानवीय हस्तक्षेप को हिमालय का पारिस्थितिकीय तंत्र बर्दाश्त नहीं कर सकता है। वर्ष 1970 की अलकनंदा की प्रलयंकारी बाढ़ का जिक्र करते हुए चिपको नेता ने कहा कि उस साल ऋषिगंगा घाटी समेत पूरी अलकनंदा घाटी में बाढ़ से भारी तबाही हुई थी जिसने हिमालय के टिकाउ विकास के बारे में सोचने को मजबूर किया था।
ALSO READ: उत्तराखंड में आपदा, NTPC को हुआ 1500 करोड़ का नुकसान
उन्होंने कहा कि इस बाढ़ के बाद अपने अनुभवजनित ज्ञान के आधार पर लोगों ने ऋषिगंगा के मुहाने पर स्थित रैणी गांव के जंगल को बचाने के लिए सफलतापूर्वक चिपको आंदोलन आरंभ किया जिसके फलस्वरूप तत्कालीन राज्य सरकार ने अलकनंदा के पूरे जलागम के इलाके में पेड़ों की कटाई को प्रतिबंधित कर दिया था। 
 
भट्ट ने कहा कि पिछले कई दशकों से हिमालय के एक छोर से लेकर दूसरे छोर तक बाढ़ और भूस्खलन की घटना तेजी से बढ़ रही है और 2013 में गंगा की सहायक नदियों में आई प्रलयंकारी बाढ़ से न केवल केदारनाथ अपितू पूरे उत्तराखण्ड को इसके लिए गंभीर विश्लेषण करने के लिए विवश कर दिया है।
 
उन्होंने कहा कि ऋषिगंगा में घाटी की संवेदनशीलता को दरकिनार कर अल्प ज्ञान के आधार पर जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण को पर्यावरणीय स्वीकृति दे दी गई जबकि यह इलाका नंदादेवी नेशनल पार्क के मुहाने पर है। उन्होंने कहा कि 13 मेगावॉट की जल विद्युत परियोजना की गुपचुप स्वीकृति देना इस तरह की आपदाओं के लिए जमीन तैयार करने जैसा है।
ALSO READ: उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटना प्राकृतिक आपदा नहीं ‘सरकारी त्रासदी’: जलपुरुष राजेंद्र सिंह
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के निर्माण के बारे में जानकारी मिलने पर मुझे बहुत दुख हुआ कि इस संवेदनशील क्षेत्र में इस परियोजना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति कैसे प्रदान की गई जबकि हमारे पास इस तरह की परियोजनाओं को सुरक्षित संचालन के लिए इस क्षेत्र के पारिस्थितिकीय तंत्र के बारे में कारगर जानकारी अभी भी उपलब्ध नहीं है। 
ALSO READ: उत्तराखंड में जलसैलाब, 25 लोगों को किया रेस्क्यू, अभी भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका
भट्ट ने सवाल उठाया कि परियोजनाओं को बनाने और चलाने की अनुमति और खासतौर पर पर्यावरणीय स्वीकृति तो बिना सवाल जबाव के मिल जाती है लेकिन स्थानीय जरूरतों के लिए स्वीकृति मिलने पर सालों इंतजार करना पड़ता है। ऋषिगंगा पर ध्वस्त हुई परियोजना के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने 8 मार्च 2010 को भारत के तत्कालीन पर्यावरण मंत्री एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति के सदस्य जीवराजिका को पत्र लिख कर इससे जुड़े पर्यावरणीय नुकसान के बारे में आगाह किया था तथा उसे निरस्त करने पर विचार करने का आग्रह किया था।

भट्ट का कहना था यदि उस पर विचार किया जाता तो रविवार को हुई घटना में जन-धन की हानि को रोका जा सकता था। उन्होंने नदियों के उदगम स्थल से जुड़े पारिस्थितिकीय तंत्र की जानकारी को बढाने पर जोर देते हुए कहा कि गंगा और उसकी सहायक धाराओं में से अधिकांश ग्लेशियरों से निकलती हैं और उनके स्रोत पर ग्लेशियरों के साथ कई छोटे बड़े तालाब हैं जिनके बारे में ज्यादा जानकारी एकत्रित करने की जरूरत है। चिपको नेता ने कहा कि हिमालय की संवेदनशीलता को देखते हए अंतरिक्ष, भूगर्भीय हिमनद से संबंधित विभागों के माध्यम से उसका अध्ययन किया जाना चाहिए और उनकी संस्तुतियों को कार्यान्वित किया जाना चाहिए। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : विनोद तावड़े के बचाव में उतरे भाजपा नेता, बताई पूरी कहानी

मैं वहां चाय पीने गया था, कैश बांटने के आरोप पर क्या बोले विनोद तावड़े, 2 FIR दर्ज

Honda Activa Electric को लेकर क्रेज, क्या होगा माइलेज और कितनी होगी कीमत

Vinod Tawde Cash For Vote से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, टेम्पो में किसने भेजे 5 करोड़ रुपए

अगले साल भारत की यात्रा पर आ सकते हैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन, तारीख तय होना बाकी

सभी देखें

नवीनतम

LIVE : महाराष्ट्र में 288 सीटों पर वोटिंग आज, 4,136 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत EVM में होगी बंद

महाराष्ट्र चुनाव में कैश कांड में अब बिटकॉइन की एंट्री, BJP ने सुप्रिया सुले और नाना पटोले से पूछे सवाल

G20 Summit : PM मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुला से मुलाकात की; समग्र द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की

ईडी ने UP परीक्षा प्रश्नपत्र लीक के 2 मास्टरमाइंड को लिया हिरासत में

Pollution in Delhi : प्रदूषण को लेकर AAP सरकार के खिलाफ BJP का प्रदर्शन, लोगों को बांटे मास्क

अगला लेख