फेक एनकाउंटर : 43 पुलिसकर्मियों को 7 साल की सजा, आतंकी बताकर ली थी 10 सिखों की जान

Webdunia
शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022 (08:16 IST)
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 1991 पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ मामले में 43 पुलिसकर्मियों को सुनायी गई उम्रकैद की सजा को सात साल के सश्रम कारावास में बदल दिया है। इस फर्जी मुठभेड़ में 10 सिखों को आतंकवादी बताकर उनकी हत्या कर दी गई थी।
 
हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सुनाई गई सजा को दरकिनार करते हुए कहा कि मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के अपवाद 3 के तहत आता है तो गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है। यदि अपराधी लोक सेवक होने या लोक सेवक की सहायता करने के कारण किसी ऐसे कार्य द्वारा मृत्यु कारित करता है जिसे वह विधिसम्मत समझता है।
 
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने निर्देश दिया कि दोषी अपनी जेल की सजा काटेंगे और प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
 
क्या है मामला : 12 जुलाई 1991 को नानकमथा पटना साहिब, हुजूर साहिब व अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख यात्रियों का जत्था बस से लौट रहा था। पीलीभीत के कछाला घाट के पास पुलिस वालों ने बस को रोका और 11 युवकों को उतारकर अपनी नीली बस में बैठा लिया। बाद में इनमें से 10 की लाश मिली जबकि एक अभी तक लापता है।

Edited by : Nrapendra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

भारत कोई धर्मशाला नहीं, लोकसभा में बोले अमित शाह, इमिग्रेशन बिल 2025 पास

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी घुसपैठिए, सब पर लगेगी लगाम, लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने बताया प्लान

Ranya Rao को तीसरी बार झटका, जमानत याचिका नामंजूर, जानिए Gold smuggling case में अब तक क्या-क्या हुआ

Hurun Global rich List : 284 अरबपतियों के पास भारत की GDP का एक तिहाई हिस्सा, मुकेश अंबानी एशिया में सबसे अमीर

क्‍या है सत्‍ता जिहाद जिसे लेकर उद्धव ठाकरे ने साधा पीएम मोदी पर निशाना?

सभी देखें

नवीनतम

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

दो बार डिलीवरी के लिए अस्‍पताल पहुंची प्रसूता, नर्स ने दोनों बार घर भेज दिया, ठेलागाड़ी पर हुई डिलीवरी, बच्‍चे की मौत

पोटाश उर्वरकों पर 37216 करोड़ की सब्सिडी को मंजूरी, PM मोदी की अध्यक्षता में कै‍बिनेट की बैठक में हुआ फैसला

नकदी बरामदगी विवाद को लेकर न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद हाई कोर्ट में तबादला

अगला लेख