वास्तु टिप्स : किस काम के लिए कौन सा समय रहेगा अतिशुभ, जानिए 8 खास बातें

Webdunia
सूर्य, वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है इसलिए जरूरी है कि सूर्य के अनुसार ही हम भवन निर्माण करें तथा अपनी दिनचर्या भी सूर्य के अनुसार ही निर्धारित करें।
 
1. सूर्योदय से पहले रात्रि 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय सूर्य घर के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है। यह समय चिंतन-मनन व अध्ययन के लिए बेहतर होता है।
 
2. सुबह 6 से 9 बजे तक। सूर्य घर के पूर्वी हिस्से में रहता है इसीलिए घर ऐसा बनाएं कि सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में आ सके।
 
3. प्रात: 9 से दोपहर 12 बजे तक। सूर्य घर के दक्षिण-पूर्व में होता है। यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम है। रसोईघर व स्नानघर गीले होते हैं। ये ऐसी जगह होने चाहिए, जहां सूर्य की रोशनी मिले, तभी वे सूखे और स्वास्थ्यकर हो सकते हैं।
 
4. दोपहर 12 से 3 बजे तक। विश्रांति काल (आराम का समय) होता है। सूर्य अब दक्षिण में होता है, अत: शयन कक्ष इसी दिशा में बनाना चाहिए।
 
5. दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक। अध्ययन और कार्य का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है अत: यह स्थान अध्ययन कक्ष या पुस्तकालय के लिए उत्तम है।
 
6. सायं 6 से रात 9 तक का समय खाने, बैठने और पढ़ने का होता है इसलिए घर का पश्चिमी कोना भोजन या बैठक कक्ष के लिए उत्तम होता है।
 
7. सायं 9 से मध्यरात्रि के समय सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम में होता है। यह स्थान शयन कक्ष के लिए भी उपयोगी है।
 
8. मध्य रात्रि से तड़के 3 बजे तक। सूर्य घर के उत्तरी भाग में होता है। यह समय अत्यंत गोपनीय होता है। यह दिशा व समय कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि को रखने के लिए उत्तम है।
ALSO READ: मकर संक्रांति के दिन राशि अनुसार ऐसे करें पूजन, 14 सौ गुना मिलेगा फल
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

राहु का कुंभ में गोचर, इन लक्षणों से जानिए कि क्या हो रहा है दुष्प्रभाव, बचने के उपाय

समय बहुत खराब आने वाला है, हनुमान चालीसा की ये 2 चौपाई बचाएगी

बृहस्पति वर्ष 2025 में अतिचारी होकर 3 बार करेंगे गोचर, वर्ष 2026 में मचाएंगे तबाही, भारत का क्या होगा?

पाकिस्तान में यहां शिव जी के आंसू से बना था अमृत कुंड, जानिए कटासराज शिव मंदिर का अद्भुत इतिहास

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बाते

सभी देखें

नवीनतम

तेलुगु हनुमान जयंती कब है, क्यों मनाई जाती है, जानें इसके बारे में सबकुछ

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

अचला एकादशी व्रत से मिलते हैं ये 8 अद्भुत लाभ

बुध का वृषभ राशि में गोचर, 4 राशियों को होगा फायदा

12 जून से मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, 5 माह तक नहीं होंगे शुभ कार्य

अगला लेख