क्या होता है लत्ता दोष, विवाह में क्यों जरूरी है इससे बचना

पं. हेमन्त रिछारिया
विवाह का दिन निर्धारण करते समय लत्तादोष का ध्यान रखा जाना आवश्यक है। लत्तादोष का निर्धारण नक्षत्र एवं ग्रहों की स्थिति से होता है। जैसा कि लत्ता नाम से स्पष्ट इसका आशय ग्रहों की लात से होता है।

सूर्य जिस नक्षत्र पर होता है उससे आगे के बारहवें नक्षत्र पर, मंगल तीसरे पर, शनि आठवें पर एवं गुरु छठवें नक्षत्र पर लात मारता है। ठीक इसी प्रकार कुछ ग्रह अपने से पिछले नक्षत्र पर लात मारते हैं जैसे बुध सातवें, राहु नौवें, चन्द्र बाईसवें, शुक्र पांचवे नक्षत्र पर लात मारता है।

राहु वक्री होने के कारण इसकी गणना अगले नक्षत्र को मानकर ही की जाती है। लत्तादोष में विवाह के नक्षत्र से गणना कर नक्षत्रों में स्थित ग्रहों का विवेचन कर उनकी लत्ता का निर्धारण किया जाता है। वैसे तो सभी ग्रहों की लत्ता को अशुभ माना जाता है किन्तु कुछ विद्वान केवल पाप व क्रूर ग्रहों की लत्ता को ही त्याज़्य मानते हैं। अत: विवाह का मुहूर्त निकालते समय लत्तादोष का विवेचन अवश्य करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
 
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

पाकिस्तान में क्यों सर्च हो रहे हैं प्रेमानंद महाराज, जानिए उनके बारे में क्या जानना चाहते हैं पाकिस्तानी

केतु का सिंह राशि में गोचर, इन 3 राशियों के खुल जाएंगे भाग्य

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

बलूचिस्तान कब तक होगा पाकिस्तान से अलग, जानिए ज्योतिष विश्लेषण

सभी देखें

नवीनतम

Aaj Ka Rashifal: आज आपके सितारे क्या कह रहे हैं, जानिए 20 मई 2025 का राशिफल

20 मई 2025 : आपका जन्मदिन

20 मई 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

वर्ष 2026 का भविष्यफल, जानिए क्या होने वाला है?

बृहस्पति वर्ष 2025 में अतिचारी होकर 3 बार करेंगे गोचर, वर्ष 2026 में मचाएंगे तबाही, भारत का क्या होगा?

अगला लेख