कांग्रेस ने पीएम मोदी से जम्मू कश्मीर को लेकर संसद में बयान देने की मांग की

Webdunia
शनिवार, 3 अगस्त 2019 (22:32 IST)
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रा स्थगित करने तथा पर्यटकों को वापस जाने की हिदायत देने के सरकार के कदमों से वहां दहशत का माहौल बन गया है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बयान देना चाहिए कि इस तरह के कदम क्यों उठाए गए हैं?
 
पार्टी ने सरकार को आगाह किया कि वह संविधान के अनुच्छेद 370 तथा 35-ए के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को मिले संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का प्रयास नहीं करे। इस तरह का कोई भी कदम घातक साबित होगा और इससे वहां संकट गहरा जाएगा।
 
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सदरे रियासत डॉ. कर्ण सिंह, पूर्व गृहमंत्री पी. चिदंबरम, पार्टी की प्रदेश प्रभारी अम्बिका सोनी तथा राज्यसभा में पार्टी के उपनेता आनंद शर्मा ने शनिवार को यहां कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों और अमरनाथ यात्रियों को वापस लौटने के लिए जो परामर्श दिया है, वह अभूतपूर्व है। भारतीय जनता पार्टी वहां अनुच्छेद 35ए को खत्म करने का माहौल बना रही है ताकि उसे पूरे देश में राजनीतिक लाभ मिल सके।
 
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि 1989 से 2014 तक जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए जो कदम उठाए गए थे, भाजपा सरकार ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए उन्हें बर्बाद कर दिया है। भाजपा सरकार का यह कदम राजनीति से प्रेरित है और उसके इस कदम से स्पष्ट हो गया है कि सरकार वहां 1989 की स्थिति पैदा करना चाहती है।
 
उन्होंने कहा कि एकसाथ 35 हजार से ज्यादा अर्द्धसैनिक बलों को वहां भेजने का इरादा क्या है? देश इस बारे में जानना चाहता है। उन्होंने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है इसलिए प्रधानमंत्री को इस बारे में संसद में आकर बयान देना चाहिए।
 
सोनी ने कहा कि पार्टी की जम्मू-कश्मीर नीति नियोजन समूह की शुक्रवार को यहां बैठक हुई जिसमें अनुच्छेद 35-ए तथा धारा 370 को समाप्त करने की सरकार की मंशा पर चिंता व्यक्त की गई। उन्होंने आगाह किया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए।
 
नीति नियोजन समूह ने सरकारी परामर्श और अर्द्धसैनिक बलों को बड़ी संख्या में वहां भेजे जाने पर चिंता जाहिर की और कहा कि सरकार को ऐसे कदम उठाने से बचना चाहिए जिनसे लोगों में असुरक्षा का भाव पैदा हो और वहां स्थिति खराब हो।
 
डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि वे 70 साल से सार्वजनिक जीवन में हैं और उन्होंने इस तरह का माहौल पहले कभी नहीं देखा है। पवित्र अमरनाथ यात्रा को पहले कभी नहीं रोका गया और न ही एक साथ इतनी बड़ी तादाद में वहां अर्द्धसैनिक बलों को भेजा गया है। अमरनाथ यात्रा को बीच में अधूरा छोड़ना परंपरागत रूप से अशुभ माना जाता है। पर्यटकों को वापस बुलाने का परामर्श सरकार का अभूतपूर्व निर्णय है और उसे स्पष्ट करना चाहिए कि यह कदम क्यों उठाया गया?
 
पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को लेकर जो नीति अपना रही है, वह गलत है। भाजपा सरकार जो भी कदम उठा रही है, वह राजनीति से प्रेरित है और जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए राजनीति करना ठीक नहीं है। भाजपा नेताओं के जम्मू-कश्मीर के हर गांव में तिरंगा फहराने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि तिरंगा फहराना सबका अधिकार है।
 
आजाद ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि कारण कुछ नहीं बताया जा रहा है और लोगों को जम्मू-कश्मीर से लौटने का परामर्श दिया जा रहा है। सरकार वहां के लोगों के मिले संवैधानिक अधिकारों में कटौती करने का वातावरण बना रही है और इसका लाभ वह पूरे देश में राजनीतिक रूप से लेना चाहती है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 1929 से वहां जो स्थिति है, उसमें अब तक बदलाव नहीं आया है।
 
शर्मा ने कहा कि सरकार ने शुक्रवार को परामर्श जारी कर वहां भय और तनाव का माहौल पैदा कर दिया है। वहां से लाखों लोगों को इस फरमान के बाद रोजी-रोटी छोड़कर वापस आना पड़ रहा है। सरकार को देश को बताना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर को लेकर उसकी असली मंशा क्या है। (वार्ता)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

25 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र, 16 विधेयक पेश करने की तैयारी, वक्फ बिल पर सबकी नजर, अडाणी मामले पर हंगामे के आसार

असम के CM हिमंत का बड़ा फैसला, करीमगंज जिले का बदला नाम

Share Bazaar में भारी गिरावट, निवेशकों के डूबे 5.27 लाख करोड़ रुपए

PM मोदी करेंगे संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष का शुभारंभ

सिंहस्थ से पहले उज्जैन को मिली 592 करोड़ की सौगात, CM यादव ने किया मेडिसिटी और मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन

अगला लेख