भाई दिवस पर मजेदार कविता: चल मेरे भाई...

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- विजय शर्मा
 
चल मेरे भाई, मेरे साथ,
तुझको खिलाऊं दाल और भात।
मिला के उसमें चटनी न्यारी
तुझको जो लगती है प्यारी।
 
चल मेरे भाई, मेरे साथ,
तुझको खिलाऊं दाल और भात।
 
आज का दिन है बड़ा सुहाना,
गाएंगे कोई गीत पुराना।
मिला हम-तुम सुर और ताल
बजाएंगे हम-तुम खरताल।
 
 
चल मेरे भाई, मेरे साथ,
तुझको खिलाऊं दाल और भात।

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